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बाल विवाह
बाल विवाह भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के
लिए समस्या रही है | अभी भी हमारा देश भारत पूरे विश्व में बाल विवाह में दुसरे
स्थान पर है | हमारे देश में शादी के लिए
न्यूतम उम्र सीमा निर्धारित है | लड़को के लिए यह 21 है जबकि लडकियों के लिए 18
वर्ष है | अगर कोई इस नियम का उलंघन करता है तो उसके ऊपर शारदा कानून के तहत
मुकदमा चलेगा और उसे दण्डित किया जा सकता है | कठोर कानून होने के बावजूद लगभग 20%
शादियां बाल विवाह का उदाहरण है | हाल – फिलहाल में सर्वोच्च न्यायालय ने इसको
लेकर सख्त निर्देश दिया है | अगर किसी व्यक्ति की पत्नी की आयु कानून द्वारा निर्धारित
उम्र सीमा से कम है और वह पत्नी के साथ
रहता है तो उसपर बलात्कार का मुकदमा चलेगा
|
अभी भी कुछ लोग बाल विवाह के पक्षधर है
धार्मिक और समाजिक मान्यताओं के आधार पर बाल विवाह का समर्थन किया जाता है कुछ
माता पिता अपनी जिम्मेवारी से मुक्त होने के लिए अपने बच्चे की शादी कम उम्र में
कर देते है | कुछ लोग परंपरा और इतिहास का उदाहरण देते हुए बाल विवाह को उचित
ठहराने का काम करते है | प्राचीन काल में अधिकतर शादियाँ लड़के या लड़की की 12 वर्ष
उम्र तक हो जाती थी |
बाल विवाह सिर्फ समाजिक
बुराई ही नहीं बल्कि अपराध भी है | इससे हमारे देश को हानी हो रही है | इसके
परिणाम स्वरूप हमारे देश की आबादी तीव्र गति से बढ़ रही है | कम उम्र के लड़का या
लड़की शारीरिक या मानसिक रूप से उतने परिपक्व नहीं होते कि वे स्वस्थ बच्चे को जन्म
दे सके | ऐसे बच्चे कुपोषण का शिकार बन
जाते है और माता - पिता के प्यार से वंचित हो जाते है | दूसरी ओर ऐसे माता – पिता
जब तीस वर्ष के होते है तो बूढ़े दिखने लगते है और तरह - तरह की जानलेवा बीमारियों के शिकार बन जाते है |
देश के विकास के लिए स्वस्थ
और मजबूत नागरिक का होना आवश्यक होता है | समाज सुधारक तथा बुद्धिजीवी को आगे आना चाहिए और बाल विवाह के दुष्परिणाम को
बतलाना चाहिए | देश में साक्षरता अभियान के साथ – साथ गरीबी उन्मूलन अभियान को
चलाया जाना चाहिए | अगर हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते है तो बाल विवाह से छुटकारा पाना पड़ेगा | कठोर कानून
पर्याप्त नहीं होगा बल्कि इस पर अमल करना महत्वपूर्ण है|
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Reviewed by Unknown
on
5:26 AM
Rating:
That is right. F
ReplyDeleteirst generation kesaa tha na I fell very very much sad 😞😞😞