Co-Education(सह-शिक्षा) in Hindi, Co-Education Esssay, Advantage and Disadvantage of Co-Education in Hindi, Co Education meaning, Co Education good or bad, Co- Education speech, Co-Education
सह-शिक्षा का अर्थ है एक ही स्कूल या कॉलेज में लड़कों और लड़कियों दोनों की शिक्षा देना है । पुरुषों और महिलाओं को एक-दूसरे समझने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण अंग है । शिक्षा एक व्यक्ति को सफल जीवन जीने के लिए प्रशिक्षित करती है और यह लड़कों और लड़कियों की सभी गुणों को विकसित करती है । सह-शिक्षा दोनों पुरुषों और महिलाओं को शांतिपूर्वक और खुशी से जीने के लिए प्रशिक्षित करती है । इसका उद्देश्य समाज के लिए उन्हें खुश और गुणवत्तापूर्ण बनाना है ।
शिक्षा लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी है । हमारा देश पर्याप्त संख्या में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों का खर्च नहीं उठा सकता है । इसके लिए काफी संशाधन चाहिए । हमारे देश में लड़कों के लिए बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेज हैं, लेकिन लड़कियों के लिए नहीं हैं, सह-शिक्षा इस समस्या का हल करती है इससे देश का बहुत सारा पैसा बचता है इसके अलावा, उनके शिक्षा पाने के समान अधिकार की पूर्ती भी होती हैं। सह-शिक्षा दोनों लड़कों और लड़कियों को अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से करने के लिए प्रशिक्षित करती है ।
सह-शिक्षा में गुण और दोष दोनों हैं । हमारे समाज में बहुत सारी सामाजिक कुरीतीयाँ है, उनमें से ही एक सह-शिक्षा को लेकर है । इन कुरीतियों से ग्रसित लोग सह-शिक्षा को अस्वीकार करते हैं और वे मानते हैं कि लड़के और लड़कियां अगर साथ पढ़े तो उनका मन पढाई में नहीं लगेगा वे एक दुसरे के प्रति आकर्षित होकर प्रेम प्रसंग में पड़ सकते है और पढाई से विचलित हो जायेंगे । कुछ लोग ये भी मानते है कि लडकियाँ स्वभाव से शर्मीली होती हैं वे लड़कों के शैक्षिक संस्थान में पूरी स्वतंत्रता के साथ अध्ययन नहीं कर सकती । इसलिए वे कहते हैं कि सह-शिक्षा हमारे देश की महिलाओं के लिए उपयोगी और सहायक नहीं है। कुछ लोग यह भी तर्क देते हैं कि लड़कियों को एक अलग तरह की शिक्षा दी जानी चाहिए। सह-शिक्षा इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा ।
लेकिन, वे भूल जाते है कि स्त्री और पुरुष साथ आए बिना यह समाज अधुरा है । उन्हें एक-दूसरे को जानना जरुरी है नहीं तो, उनका विवाहित जीवन इस स्पष्ट समझ के बिना असफल हो जायेगा । सह-शिक्षा उन्हें व्यावहारिक दुनिया में रहने के लिए तैयार करती है । आज के इस आधुनिक युग में हमने पाया है कि सह-शिक्षा को लेकर जितने प्रयोग भी हुए है सारे सफल हुए है, आज कई महिलाएं देश और विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनीयों में उच्च पद पर आसीन हैं और उनके प्रबंधन का काम बड़ी आसानी के साथ कर रही है जहाँ काफी संख्या में पुरुष कर्मचारी कार्य करते है, इन सब में सह-शिक्षा का काफी बड़ा योगदान है ।
सह-शिक्षा शिक्षण संस्थानों में अनुशासन उच्च मानक का होना चाहिए और लड़कों और लड़कियों दोनों को एक-दुसरे से अच्छा व्यवहार सीखना चाहिए । तभी सह-शिक्षा उपयोगी साबित होगी और हम एक बेहतर समाज और देश की ओर अग्रसर हो पाएंगे।
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Co-Education Essay for ssc cgl, chsl, mts and Other Competitive Exams
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Reviewed by Unknown
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4:13 AM
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आज समाज मे जो चरित्रहीनता है योन शोषण है इसके लिए विशेष तौर पर सह शिक्षा ही है।
ReplyDeleteहमारे देसज में प्राचीन गुरुकुलीय शिक्षा पद्दति के अनुसार लड़के लड़कियों के स्कूल (गुरुकुल) लगभग 4 कोश यानि 6 किलोमीटर दूर होते थे अबसे लगभग 245 से 30 वर्षों पहले समाज की स्तिथि यह थी कि गांव समाज मे सभी बहन बेटियों को अपनी बहन बेटी ही समझते थे पर अब सह शिक्षा के कारण चारित्रिक पतन हुआ है।
No Co education is a good foot step for equality in men and women
Deleteआज समाज मे जो चरित्रहीनता है योन शोषण है इसके लिए विशेष तौर पर दोषी सह शिक्षा ही है।
ReplyDeleteहमारे देसज में प्राचीन गुरुकुलीय शिक्षा पद्दति के अनुसार लड़के लड़कियों के स्कूल (गुरुकुल) लगभग 4 कोश यानि 6 किलोमीटर दूर होते थे अबसे लगभग 245 से 30 वर्षों पहले समाज की स्तिथि यह थी कि गांव समाज मे सभी बहन बेटियों को अपनी बहन बेटी ही समझते थे पर अब सह शिक्षा के कारण चारित्रिक पतन हुआ है।
Education is important for girls and boy both
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