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देश के जटिल कर प्रणाली को प्रतिस्थापित करते हुए 1 जुलाई 2017 से भारत में “ goods and service tax ” अर्थात “ वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली  का शुभारम्भ किया गया इसे राजकीय तौर पर the constitution G.S.T. Bill 2014 कहा जाता है जो एक गंतव्य आधारित अप्रत्यक्ष कर है इसे  सबसे पहले फ्रांस ने लागू किया था भारत G.S.T. लागू करने वाला 161 वाँ देश बना भारत का G.S.T. कनाडा के G.S.T. मॉडल पर 101 वाँ संविधान संसोधन कर लागू किया गया । 
G.S.T अन्य सभी अप्रत्यक्ष करो को प्रतिस्थापित कर देगा जो राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाते है । G.S.T को तीन भागो में विभाजित किया गया है -                                  (i) C.G.S.T     (ii) S.G.S.T    (iii) I.G.S.T      



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G.S.T से लाभ – कैश्केडिग प्रभाव अर्थात कर पर लगने वाले कर को समाप्त कर देगा, एक समान
 कर होने से देशी व विदेशी दोनों प्रकार के व्यपारियो को लाभ मिलेगा, देश के अन्दर विभिन्न राज्यों के मध्य व्यवसाय सरल हो जाएगा, G.S.T Bill से G.D.P में वृद्धि की सम्भावना है, पूरे देश में वस्तुओं का मूल्य एक समान हो 
जाएगा आदि है ।
               
G.S.T. से हानी – राज्यों को विभन्न प्रकार के करो से प्राप्त होने वाली आय अब केवल एक कर 
G.S.T. से प्राप्त होगी । जिससे राज्यों को हानी होगी, परन्तु केंद्र सरकार 5 वर्षो तक इसकी
 क्षतिपूर्ति करेगी । पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, शराब, विमानन एवं बिजली इन सभी को कुछ समय के लिए G.S.T. से बाहर रखा गया है।   

देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने, व्यापार तथा कर प्रणाली को सरल बनाने, पिछड़े राज्यों के विकास करने और आम आदमी को सस्ती वस्तुएँ उपलब्ध कराने हेतु G.S.T. केन्द्र सरकार द्वारा उठाया गया सराहनीय कदम है ।  

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